हज़ारी प्रसाद द्विवेदी

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 – 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। वे हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत और बाङ्ला भाषाओं के विद्वान थे। भक्तिकालीन साहित्य का उन्हें अच्छा ज्ञान था। सन १९५७ में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इनका परिवार पंडित होने के कारण संस्कृत में निपुण था इनके पिताजी पंडित अनमोल द्विवेदी एक संस्कृत के विद्वान थे। इनका बचपन में नाम वैद्यनाथ द्विवेदी रखा गया था। साल 1927 में हजारी जी का विवाह भगवती देवी से हुआ।
द्विवेदी जी क प्रारंभिक शिक्षा गांव की इस्कूल में भइल आ उहंवें से उहाँ क मिडिल क इम्तिहान पास कइलीं। एकरी बाद उहाँ क इंटर क परीक्षा आ ज्योतिष विषय में आचार्य क परीक्षा पास कइलीं। पढ़ाई लिखाई खतम क के द्विवेदी जी शांतिनिकेतन चलि गइलीं आ कई बरिस ले उहाँ हिंदी क पठन-पाठन कइलीं । शांतिनिकेतन में गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर आ आचार्य क्षितिमोहन सेन की परभाव से साहित्य क गहन अध्ययन और रचना शुरू कइलीं।
द्विवेदी जी का व्यक्तित्व बड़ा प्रभावशाली आ उहाँ क स्वभाव बड़ा सरल आ उदार रहे। पंडित जी हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत आ बंगाली भाषा क विद्वान रहलीं। भक्तिकाल की साहित्य का उहाँ के बहुत नीमन आ बिस्तार से ज्ञान ज्ञान रहे। लखनऊ विश्वविद्यालय उहाँ के डी.लिट. की उपाधि दे के विशेष सम्मान कइलस। उहाँ क बी.एच.यू. में हिंदी पढ़ावलीं आ उहाँ के भारत सरकार 1957 में पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित कइलस।