स्वामी सहजानन्द सरस्वती
स्वामी सहजानन्द सरस्वती का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर किसान परिवार मे हुआ था। चूंकि स्वामी जी की माता जी का देहान्त स्वामी जी के जन्म के कुछ समय पश्चात ही हो गया था, इसलिए स्वामी जी की माँ का नाम अज्ञात है।

22 फरवरी 1889 – 26 जून 1950 भारत के राष्ट्रवादी नेता एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे भारत में किसान आन्दोलन के जनक थे। वे आदि शंकराचार्य सम्प्रदाय के दसनामी संन्यासी अखाड़े के दण्डी संन्यासी थे। वे एक बुद्धिजीवी, लेखक, समाज-सुधारक, क्रान्तिकारी, इतिहासकार एवं किसान-नेता थे। उन्होने ‘हुंकार’ नामक एक पत्र भी प्रकाशित किया।
ऐसे किसान हितैषी महात्मा का जन्म उत्तरप्रदेश के गाजीपुर जिले के देवा ग्राम में सन 1889 में महाशिवरात्रि के दिन हुआ था. घर वालों ने नाम रखा था नौरंग राय. पिता बेनी राय सामान्य किसान थे. बचपन में ही मां का छाया उठ गया. लालन-पालन चाची ने किया. आरंभिक शिक्षा जलालाबाद में हुई. मेधावी नौरंग राय ने मिडिल परीक्षा में पूरे यूपी, जो तब युक्तप्रांत कहलाता था, में सातवां स्थान प्राप्त किया.
सरकार से छात्रवृति मिली तो आगे की पढ़ाई सुगम हुई. पढ़ाई के दौरान ही मन अध्यात्म की ओर रमने लगा. घर वालों को बच्चे की प्रवृति देख डर हुआ तो जल्दी ही शादी करा दी. लेकिन साल भर के भीतर ही पत्नी भी चल बसी. दूसरी शादी की बात चली तो वे घर से भाग गये और काशी चले गये. ठौर मिला अपारनाथ मठ में.